Wednesday, June 29, 2011

आज एक बाप अपणी बेटी तै हार गया

सारे लाहणे वो पल मै तार गया
आपणी लाडो के चा पुगाणे मन मै मार गया
पैरा मै रुल्गी पगड़ी अर इज्जत तार तार
आज एक बाप अपणी बेटी तै हार गया




आज एक बाप आपणी बेटी तै हार गया




आपणी इज्जत की गेल खुभैत कररया सै
ताऊ सुरता आज पंचैत कररया सै
थ्याई माणसां तै भर री सै
अर खाट भी चर्चा कर री सै
खड्या हो कै एक पंचायती बोल्या
अर पंचायती रोले का राज खोल्या
ताऊ सुरता की छोरी रामफल गेल भाजगी
जिसतै म्हारे सारे गाम की इज्जत लाजगी
पंचैत मै खुसर फुसर चाल पड़ी
सारया की खंडके बंधी नाड़ हाल पड़ी
एक बोल्या फेर इसमे रामफल का के खोट सै
ताड़ी एक हाथ ना बजती दोनुवा की ज़ोट सै
दूसरा बोल्या फेर दोनुवा नै मजा चखा दयो
गाम के रिश्ते के हो सै दोनुवा नै बता दयो
फेर एक और खड्या होलिया
अपणे सिर पै तै तार कै तोलिया
बोल्या दोनुवा नै मारे पाछै कुणसा सुख हो ज्यागा
एकला छोरा सै रामफल माँ बाप नै दुख हो ज्यागा
सुरता बोल्या एकला सै तो मनै के आंट सै
लागै सै छोरे इसमै तेरी भी सांट गांठ सै
छोरा बोल्या ताऊ सांट गांठ तो तेरी छोरी करगी
जो तेरे खंडके नै अर मुछा नै छात पै धरगी
तू जद नी बोल्या जद ओ रामफल यार बणाया
गाम की गाम मै तेरी छोरी नै भरतार बणाया
सुरता का रंग लाल होगया
अर पंचायत मै बवाल होगया
लोग एक दुसरे की आँख्यां मै देख देखकै हाँसै थे
बात बात पै हुंगारे भर भरकै खांसै थे
ताऊ सुरता उनकी हरकता नै खूब पीछानै था
एक एक आदमी की ओकात नै आछी तरियां जानै था
रै ये वाए लोग थे जो कदे उसका झूठा खाया करदे
बोलणा तो दूर की बात कदे नाड़ नी ठाया करदे
आज भरी पंचैत मै इज्जत की बिरान माटी होरी थी
किस तै कहंदा सुरता करण आली खुद की छोरी थी




रै व़ा छोरी जिस के कहणे ओ पल मै पुगाये करदा
गेल रोंदा गेल हासदा अर गेल्याए गाये करदा
मासूम सी दिखण आली छोरी आज सारा कीमे उजाड़गी
बचपन मै मुछां तै खेलण आली आज उननै जड़ तैए पाड़गी
फेर एक छोरा बोल्या ताऊ कयूँ इतना कठ कर रया सै
अर सबर कर ले इसे मै कयूँ गात का मठ कर रया सै
सुरता पंचैत कानी लखाया
पर उसका हिमायती कोए नी पाया
खड्या होकै बोल्या रै क्यूकर सबर कर लयू
इस तै आछा तो कुए मै पड़ कै म़र लयू
रै बियाह तै तीन दिन पहलया जिस की छोरी चली जा सै
उस बाप की पगड़ी सारे बाजार छली जा सै
रै के इसे दिन खातर लोग छोरियां नै चाहवै सै
सयाणे सै वै लोग जो छोरीया नै पेट मै मरवावै सै
जे मै भी आपणी छोरी नै पेट मै मरवा खडदा
तो यू दिन मनै कदे भी नी देखना पड़दा
रै व़ा के छोरी जो अपणे बाप की पगड़ी नै रुलवा दे
अपणे गाम की चोगरदे नै हाँसी करवा दे
ना सूरते न्यू रामफल का बाप बोल्या
अर खंगार कर कै आपणा सुखा गला छोल्या
रै पेट मै मारे तै यो रोला नी झुकया करदा
बाल पाडे तै कदे मुर्दा का वजन नी मुकया करदा
रै गलती आपणी ए सै आप बालका नै नी सीखा पाए
अर सही संस्कारा का उन नै रह नी दिखा पाए
एकला सै तो के होया मै घर मै नी बड़ण द्यूंगा
रामफल अर उस छोरी नै बार नै नी खडण द्यूंगा
सुरता बोल्या रै मेरा इतने मै क्यूकर सर ज्यागा
मनै तो जिब सबर आवै जद तेरा छोरा मर ज्यागा
रै आये बेठे रिश्तेदारा तै मै के मुह दिखाउंगा
जिस दिन थयागे मै दोनुवा नै पाणी पियाउंगा
थयाई मै चोगरदे नै सी सा सुप थी
इस बात पै पूरी पंचैत चुप थी
फेर बोल्या सुन ल्यो ए जे कोए छोरी सुणदी हो
आपणे बाप की रे रे माटी करण के सपने बुणदी हो
जिन्दे जी आपणी खुशिया कै आग ना लायीयो
अर आपणे बाप की पगड़ी कै कदे दाग ना लायीयो
या बड़ बड़ करदा सुरता घर नै चाल पड्या
सुण कै उसकी बात सारया का कालजा हाल पड्या
आगले दिन बखत सारे गाम की हासी खा गया
ताऊ सुरता घरा जांदे रात ए नै फासी खा गया
बेचारा सुरता बस इतने मै ए सार गया
अक आज एक बाप आपणी बेटी तै हार गया

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