Wednesday, October 27, 2010

दो बेटियां


मुस्कान मेरा बड़ा बेटा है और सपर छोटा । साढ़े चार साल की छोटी सी उम्र में ही राष्ट्रीय स्तर पर स्वरणपदक जीत कर मुस्कान ने रिकार्ड बनाया है।

दो बेटियां

दुसरे नंबर पे नाम आता है सपर का । अपने नाम के अनुरूप ही अनोखी लड़की है ये भी। न पढाई का फिकर और न ही किसी बात को लेकर जिद्द या झगडा। इसको लगता है की इसकी मम्मी साडी जिंदगी रोटी बनाये जाएगी और ये यूं ही खाती रहेगी।
सव भाव की बढ़ी ही भोली और मस्त बच्ची है बावली।

दो बेटियां

दोनों की जोड़ी भी खास है । आपस में लड़ लेती है पर अगले ही पल दोनों साथ में गुडा गुडी का खेल भी खेल लेती है।

मेरी दो बेटियां


सपर का चेहरा हंसने और हंसाने वाला ही है । रोते हुए ये कभी अच्छी नहीं लगती....