RAMESH CHAHAL ASSOCIATE EDITOR of sach kahoon
Saturday, June 4, 2016
बंदे कमाए
दुनिया ने कमाई दौलत मैंने
बंदे कमाए
हैं
कुछ आंख वाले हैं तो कुछ अंधे कमाए हैं।
बिन बताए सरकार को बेइमानी कर गया मैं
आखिरी सफर के खातिर चार कंधे कमाए हैं।
रमेश चहल।
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