थोड़ी लंबी ये रात करते हैं।
चलो फिर से बात करते हैं।
चलो फिर से बात करते हैं।
चाँद के चकले पे दो रोटियां बेलेंगे
बाँट लो सितारे आज शतरंज खेलेंगे
आओ शै और मात करते हैं।
चलो फिर से बात करते हैं।
बाँट लो सितारे आज शतरंज खेलेंगे
आओ शै और मात करते हैं।
चलो फिर से बात करते हैं।
यार चाँद को देखो
कैसा इसका ईमान है
करवा चौथ पे हिन्दू
और ईद पे मुस्लमान है
इस जैसी ही औकात करते हैं।
चलो फिर से बात करते हैं।
कैसा इसका ईमान है
करवा चौथ पे हिन्दू
और ईद पे मुस्लमान है
इस जैसी ही औकात करते हैं।
चलो फिर से बात करते हैं।
बेरोक टोक सबको
चांदनी का प्रकाश मिले
बिन जात पूछे सबको
खुला आकाश मिले
ऐसे अब हालात करते हैं।
चलो फिर से बात करते हैं।
चांदनी का प्रकाश मिले
बिन जात पूछे सबको
खुला आकाश मिले
ऐसे अब हालात करते हैं।
चलो फिर से बात करते हैं।
पौ फटने को है
चलो बतियाते चलो
रात के अँधेरे से
सीखते सीखाते चलो
इंसां अपनी जात करते हैं।
चलो फिर से बात करते हैं।
चलो बतियाते चलो
रात के अँधेरे से
सीखते सीखाते चलो
इंसां अपनी जात करते हैं।
चलो फिर से बात करते हैं।
थोड़ी लंबी ये रात करते हैं।
चलो फिर से बात करते हैं।
---------रमेश चहल।
चलो फिर से बात करते हैं।
---------रमेश चहल।
4 comments:
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" शनिवार 02 जुलाई 2016 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
यार चाँद को देखो
कैसा इसका ईमान है
करवा चौथ पे हिन्दू
और ईद पे मुस्लमान है
इस जैसी ही औकात करते हैं।
चलो फिर से बात करते हैं।
behtreen kavita
thnx sunita agrwal ji
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