मौन .........
ए लोगों के रोशनदानों से झांक कर
उनकी निजता को चटकारो का मिश्रण देकर
परोसने वाले पुरोधाओ
स्टिंग ओपरेशन की तलवार से
एक बक्से में बैठकर लड़ने वाले योद्धाओ
हिम्मत है तो मेरे पेट की
आँतडियो का हाल परोस के दिखाओ
अगर पिया है अपनी असल माँ का दूध
तो जरा गिन के दिखाओ
मेरे पेट के भीतर पड़े अनाज के दाने
खोखली लगती है शायद ये आधारहीन बाते तुम्हे
पर याद रखो जिस दिन मै रूठ गया
उस दिन बाँझ हो जाएगी ये धरती माँ
और खाली हो जायेंगे तुम्हारे पेट
फिर खा लेना मेज पे पड़े ये कागज
और पी लेना इन पैनो की सियाही
अगर फिर भी भूख ना मिटे
तो डाउनलोड कर के दिखाना
सिर्फ एक गोल गोल रोटी
अगर ऐसा कर पाओ
तो मै त्याग दूंगा अपनी अन्नदाता की पदवी
और धार लूँगा कभी न टूटने वाला मौन .........
No comments:
Post a Comment