किसान का बेटा सूं
गरीबी का दोलरा ओढ़ कै मै कई बार लेटया सूं ।
तंगी मंदी आर दर्द तै कई बार फेट्या सूं ।
लोगां नै कमा कै आर खुद पै कुछ नी,
आज फकर करूँ के रोऊँ र मै एक किसान का बेटा सूं ।
Monday, November 10, 2008
सन्दीप कंवल/भाषण प्रतियोगिता मे रमेश चहल ने प्राप्त किया प्रथम स्थानजनसंचार समाचार सेवाकुरूक्षेत्र 07, नवम्बर। कुवि में हर वर्ष आयोजित होने वाले हरियाणा रत्तनावली समारोह में चौ. देवीलाल विश्वविद्यालय सिरसा के पत्रकारिता व जनसंचार विभाग के छात्र रमेश चहल ने भाषण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया। हरियाणा की सभ्यता व संस्कृति से सम्बन्धित बोलते हुए कहा कि आज हम अपनी पहचान खो रहे हैं। पहले हमारे बुुजूर्ग जो कुछ कहते थे, वही ज्यों का त्यों स्वीकार कर लिया जाता था। लेकिन वर्तमान युवा वर्ग व समाज बुजूूर्गों का सम्मान करना भूल गया है। सभी अपना स्वार्थ सिद्ध करने पर आतुर हैं। भाषण प्रतियोगिता में लगभग 55 कॉलेजों के प्रतिभागियों ने भाग लिया। हरियाणवी जनजीवन में पनपी बुराईयों से सम्बन्धित विषय को लेकर अनेक प्रतिभागियों ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया। देवीलाल विश्वविद्यालय के लॉ विभाग के छात्र राजेन्द्र चहल ने रागनी विधा में चतुर्थ स्थान प्राप्त किया और शारीरिक विभाग की छात्रा मंजू दहिया ने हरियाणवी लोक परिधान में दूसरा स्थान प्राप्त किया। कुवि के सांस्कृतिक कार्यक्रम कमेटी के निदेशक श्री अनूप लाठर ने हरियाणवी संस्कृति की जमकर सराहना की और गांव से उभरकर आने वाली प्रतिभाओं को पुरस्कार वितरित किए।
खप panchayat
THIS IS RAMESH CHAHAL BLOG।
खाप पंचायत के मामलों में हम काफी बदनाम होने लगे हैं । शहर में बैठे लोग तरह तरह के कोमेंट कर रहे है । हरियाणा बदनाम हो रहा है । पर वो लोग असली दर्द नहीं समझ पा रहे। गाँव का दर्द शहर में बैठा शहरी नहीं समाज सकता । ये दर्द समझने के लिए गाँव में जाना होगा और ग्रामीण परिवेश में रचना होगा। ग्रामीणों की मन्य्तायों और परम्पराओं को वैगानिक ढंग से परखना होगा। ग्रामीण भाईचारे की कीमत परखनी होगी और सदियों से बने आप्सी संबंधों का अध्यन करना होगा तभी इस समस्या पर कोमेंट किया जा सकता है।
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