Friday, August 10, 2012

कदे माँ नै भी लोरी सुणाइयो रै अर देखियो जागे सै के सोवै सै

जिस कै धोरै माँ सै वो लोग किस्मत आले होवै सै  ।                                                              
 बिन माँ आले बालक दोस्तो सारी जिंदगी रोवै सै ।।

माँ तपती दोपहर मै बड़ पीपल की छाम सी होया करै  ।
अर सर्दी के माह खिली हुई गरम घाम सी होया करै।।
दुख दर्द  मै माँ चोट पै दवा मरहम बाम सी होया करै ।
मंदिर मै के लोड़ जान की माँ घरां ए राम सी होया करै ।।
माँ बिना दाम की होया करै जो खुद गिले मै सोवै सै ।
अर बिन माँ आले बालक दोस्तो सारी जिंदगी रोवै सै ।।

माँ तवे पै तपण जलण आली एक मीठी रोटी होया करै ।
ममता के परबत की माँ सब तै ऊँची चोटी होया करै ।।
घणी मीठी कुछ नमकीन अर थोड़ी सी खोटी होया करै ।
औलाद की खातर माँ ढाल तलवार अर सोटी होया करै ।।
माँ खेल की गोटी होया करै जो बाट जीतण की जोवै सै ।
 अर बिन माँ आले बालक दोस्तो सारी जिंदगी रोवै सै ।।

गात ढकण की खातर लोगो दामण है चोली है माँ ।
सामण की फुहार मै कोयल सी मीठी बोली है माँ ।।
कडवेपण दूर करण की  एक मीठी सी गोली है माँ ।
बरकत नै डाटण की खातर एक मजबूत झोली है माँ ।।
पर थोड़ी सी भोली है माँ रै व़ा सारा कीमे न्योवै सै ।
अर बिन माँ आले बालक दोस्तो सारी जिंदगी रोवै सै ।।

पर उस माँ नै उस के करे की कदे नी कीमत पांदी ।
जमीन डांगर बंडज्या सै माँ किसे कै हिस्से ना आंदी ।।
रै बुदापे मै माँ न्यू हो ज्या सै जणू कोए नौकर बांदी।
सब राम की माया मान कै व़ा किसे कै दोष नी लांदी ।।
रै व़ा आगै का नही खांदी बुदापे मै कपडे धोवै सै ।
 बिन माँ आले बालक दोस्तो सारी जिंदगी रोवै सै ।।

कान खोल कै सुन ल्यो सारे अपनी माँ नै ना कदे रुवाइयो रै ।
भगवान की इस देण नै अपनी किस्मत तै ना कदे गवाईयो रै ।।
उसकी हलवे कसार बरगी ममता अपने बालका नै भी खुवाइयो रै ।
उसके पैरां के धाम की असलियत अपने बालका नै भी बताइयो रै ।।
कदे माँ नै भी लोरी सुणाइयो रै अर देखियो जागे सै के सोवै सै ।
 बिन माँ आले बालक दोस्तो सारी जिंदगी रोवै सै  ।।
बिन माँ आले बालक दोस्तो सारी जिंदगी रोवै सै  ।।
बिन माँ आले बालक दोस्तो सारी जिंदगी रोवै सै   ।।    -रमेश चहल

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