tag:blogger.com,1999:blog-7428693331259359586.post2858480977143056541..comments2021-07-05T03:00:30.231-07:00Comments on RAMESH CHAHAL: कुछ लोग कहते है..........Ramesh Chahalhttp://www.blogger.com/profile/00336213061569712228noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-7428693331259359586.post-56421253701340929912012-09-10T08:57:43.452-07:002012-09-10T08:57:43.452-07:00WahWahRamesh Chahalhttps://www.blogger.com/profile/00336213061569712228noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7428693331259359586.post-55362764043264795662012-06-14T10:15:25.789-07:002012-06-14T10:15:25.789-07:00आंधियां चाहें उठाओ,
बिजलियां चाहें गिराओ,
जल गया ह...आंधियां चाहें उठाओ,<br />बिजलियां चाहें गिराओ,<br />जल गया है दीप तो अंधियार ढल कर ही रहेगा।<br /><br />रोशनी पूंजी नहीं है, जो तिजोरी में समाये,<br />वह खिलौना भी न, जिसका दाम हर गाहक लगाये,<br />वह पसीने की हंसी है, वह शहीदों की उमर है,<br />जो नया सूरज उगाये जब तड़पकर तिलमिलाये,<br />उग रही लौ को न टोको,<br />ज्योति के रथ को न रोको,<br />यह सुबह का दूत हर तम को निगलकर ही रहेगा।<br />जल गया है दीप तो अंधियार ढल कर ही रहेगा।<br /><br />दीप कैसा हो, कहीं हो, सूर्य का अवतार है वह,<br />धूप में कुछ भी न, तम में किन्तु पहरेदार है वह,<br />दूर से तो एक ही बस फूंक का वह है तमाशा,<br />देह से छू जाय तो फिर विप्लवी अंगार है वह,<br />व्यर्थ है दीवार गढना,<br />लाख लाख किवाड़ जड़ना,<br />मृतिका के हांथ में अमरित मचलकर ही रहेगा।<br />जल गया है दीप तो अंधियार ढल कर ही रहेगा।<br /><br />है जवानी तो हवा हर एक घूंघट खोलती है,<br />टोक दो तो आंधियों की बोलियों में बोलती है,<br />वह नहीं कानून जाने, वह नहीं प्रतिबन्ध माने,<br />वह पहाड़ों पर बदलियों सी उछलती डोलती है,<br />जाल चांदी का लपेटो,<br />खून का सौदा समेटो,<br />आदमी हर कैद से बाहर निकलकर ही रहेगा।<br />जल गया है दीप तो अंधियार ढल कर ही रहेगा।<br /><br />वक्त को जिसने नहीं समझा उसे मिटना पड़ा है,<br />बच गया तलवार से तो फूल से कटना पड़ा है,<br />क्यों न कितनी ही बड़ी हो, क्यों न कितनी ही कठिन हो,<br />हर नदी की राह से चट्टान को हटना पड़ा है,<br />उस सुबह से सन्धि कर लो,<br />हर किरन की मांग भर लो,<br />है जगा "इन्सान " तो मौसम बदलकर ही रहेगा।<br />जल गया है दीप तो अंधियार ढल कर ही रहेगा ।Tarsem Insanhttps://www.blogger.com/profile/07885712694991414751noreply@blogger.com